अच्छे कट गए !
अच्छे कट गए !
कट गए जो थे उल्फत के दिन, पर अच्छे कट गए,
दुःखी तो कम न थे तेरे बिन, पर अच्छे कट गए।
किसी ने भी हमको सुखी रहने ना दिया,
बहते हुए दरिया को शांत बहने ना दिया।
इतनी जल्दबाजी में लगातार दुःख दिए,
कि पहले वाला दुःख अच्छे से सहने ना दिया।
बेवफाई के लम्हे थे बड़े खिन्न, पर अच्छे कट गए,
कट गए जो थे उल्फत के दिन, पर अच्छे कट गए।
मेरी किस्मत में जीत के मुहाने पर हार थी,
मिट्टी में मिलाने पर दुनिया उतारू लगातार थी।
फँस गया था ऐसे एक जाहिलों के समंदर में,
वस्ल की बात सुनने की, ना किसी को दरकार थी।
तड़पा हूँ यूँ जैसे मछली पानी बिन, पर अच्छे कट गए,
कट गए जो थे उल्फत के दिन, पर अच्छे कट गए।
ऐसे वक्त में हमें सेहत को बचाना चाहिए,
जब नाचती हो दुनिया तब नचाना चाहिए।
जिस काम में आप का दिल बेखौफ खुश हो,
मुफलिसी का वक्त, उस काम में लगाना चाहिए।
काटे हैं लम्हें, बिन ज़ख्मों को गिन, पर अच्छे कट गए,
कट गए जो थे उल्फत के दिन, पर अच्छे कट गए।।