अब तो सांस भी उनकी
अब तो सांस भी उनकी
अब तो सांस भी उनकी मर्जी है
अब तो रास भी उनकी मर्जी है
सच् बोल दिया ऐसे अगर सच् ने
अब तो फांस भी उनकी ही मर्जी है !
छूट जाये साथ नफरतों से क्यूँ
मिट जाये बात फितरतों से क्यूँ
मान लो जजबात अपनो के अभी
अब तो उनका साथ भी उनकी मर्जी है !
ये रात दिन स्याह हो गये होंगे
जब भी सोचो तनहा दिल इतना
ये इबारत लिख दिया उसने मन मे
इनके "मन की बात" भी इनकी मर्जी है !!
