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Mamta Gupta

Inspirational

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Mamta Gupta

Inspirational

अब स्वंय को लड़ना होगा

अब स्वंय को लड़ना होगा

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जब नारी में है शक्ति सारी फिर क्यों सुने कि हम हैं बेचारी

तू दुर्गा है काली है चण्डिका है।

अब तुझे अंदर की शक्तियों को जगाना होगा।।


अस्त्र-शस्त्र उठाकर नरसंहार हमे करना होगा,

बहुत कर लिया ममता ,वात्सल्य ,विश्वास का समर्पण

स्वयं के मान,सम्मान,अधिकारो के लिए अब स्वंय को लड़ना होगा।।

 दुर्गा बनकर अस्त्र तुझे उठाना होगा,

जो डाले अस्मत पर नजर उसको अब उन दरिंदों को ज़िंदा जलाना होगा।


हम अबला नही सबला है,,

अब आत्मनिर्भर बनकर अपनी सुरक्षा का ज़िम्मा हमे खुद उठाना होगा।।

तोड़ देनी है वो उंगलियां जो उठे किसी भी बहन के चरित्र पर।

तुम भी जन्मे हो एक नारी की कोख से यह उन्हें समझाना होगा।।

माँ ,बहन,बेटी,पत्नी,बनकर कब तक जुल्म सहती रहेगी,,

एक नारी है रूप अनेक अब तुझको दिख लाना होगा।

बन सकती है तू दुर्गा,बस अपनी शक्तियों को तुझे पहचानना होगा।।

एक दूसरे की ताकत बनकर एक सशक्त समाज बनाना होगा।

 मिलकर करेंगे सरकार से मांग एक विशेष क़ानून बनाना होगा।।



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