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Vijay Kumar parashar "साखी"

Abstract

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Vijay Kumar parashar "साखी"

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आया 2021

आया 2021

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बदला ज़माना,बदली फ़िजा

बीता 2020 आया 2021

कोरोना पूरा खत्म न हुआ

पर कहर इसका कम हुआ

लबों पे लोगो के मुस्कान है

2021 ला रहा नया जहान है

न होगी प्रकृति से छेड़छाड़

हर मनु बनेगा भला इंसान

नये साल लेंगे सब संकल्प

तम का मिटाएंगे हर स्थल

इस दो हजार इक्कीस में

अंधेरा मिटाएंगे हर दिल से

हृदय में छिपे बुरे विचार

उन्हें मिटाएंगे पूरा इसबार

जिसे भी बुरा,भला कहा हो

हृदय में न रखे कोई भी यार

माफ कर दे,मुझे दे,

वो मित्रता का उपहार

मुबारक हो सबको वर्ष 2021

ये वर्ष वो सबके लिये तीस

पूरा देश अमन-चैन से रहे,

किसी के हृदय में न रहे टीस

सबके पूरे हो ख़्वाब2021 हो शानदार

2021 की सबको शुभकामना 

हृदय में हो सबके प्रकाश घना

2021 हो सबका प्रिय मना

लबों पे हो सबके हंसी तना

इसी के साथ 2020 करे अलविदा

नई सुबह के साथ 2021 करे जिंदा।



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