आसमां
आसमां
उनके पंख हैं,
वो नियमों से बंधे हैं
प्रकृति के...
आसमान एक ज़रिया मात्र है
ज़िंदा रहने का...
वो क्या समझते हैं, नहीं पता
मतलब "उड़ान" के...
पर वो जो जानते हैं मायने
नीले आसमां के...
जो देखते हैं ख़्वाब अक़्सर
बादलों के जहां के...
बिजली चमक के आंख मिलाती है
आंखों से जिनकी...
बस इतनी सी दुविधा है
आज़ादी में उनकी....
उनके पंख नहीं हैं ।
