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आज वो डरना नहीं चाहती उसने अंडे दिए हैं, आज वो डरना नहीं चाहती उसने अंडे दिए हैं,
उनके पंख हैं, वो नियमों से बंधे हैं प्रकृति के... उनके पंख हैं, वो नियमों से बंधे हैं प्रकृति के...
तुझमें तेरी होकर रहती, मैं तेरे भीतर की नारी हूँ। तुझमें तेरी होकर रहती, मैं तेरे भीतर की नारी हूँ।