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ANKIT SHARMA (आज़ाद)

Abstract Inspirational Others

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ANKIT SHARMA (आज़ाद)

Abstract Inspirational Others

आशीष और शुभकामना

आशीष और शुभकामना

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‘सोहम’ का नाद तुमसे

इस कुटीर में गुंजित,

मैंने स्वयं को जैसे

खुद गोद में खिलाया।।


'आरुष' जो तुम हुए तो

सूरज सा जगमगाया।

धन्य हो विधाता,

मुझसे सृजन कराया।।


आशीष देता है हृदय

तुम प्रखर प्रज्ञावान हो,

हर क्षेत्र में उन्नत रहो,

तुम मुझसे भी बलवान हो।।


हर शिखर को तुम जीत लो,

हर वीर का तुम स्वप्न बनना।

उत्कृष्ट हो, उन्नत बनो तुम,

तुम नए प्रतिमान रचना।।


सब मिले, कुछ न रहे

तुम पूर्णता को प्राप्त हो।

यशवान हो तुम, कीर्ति

हर दिशा में व्याप्त हो।।


ना तो लड़ना, ना ही मन में

किसी से भी द्वेष रखना,

हर किसी को प्रेम करना,

ध्यान ये विशेष रखना।।


प्रेम 'उससे' अथाह रखना,

विश्वास आंखें मूंद कर।

सहज ही स्वीकार करना

जो ‘मां प्रकृति’ दे ढूंढ कर।।


इक असमर्थ से इक दक्ष तक,

इक बीज से इक वृक्ष तक,

हो सुगम ये यात्रा,

मेरी प्रार्थना, परमात्मा।।


जन्म दिन की शुभकामना मेरे बेटे


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