आशीर्वाद स्वरुप चापाकल
आशीर्वाद स्वरुप चापाकल
पुराना चापाकल हैंड पंप
रहा है हमेशा आशीर्वाद स्वरुप
सरकार की यह पहल
आज नहीं सदियों से चली आ रही है
खेत खलियान घर मोहल्ले थोड़ी थोड़ी दूरी पर
मिलते यह आशीर्वाद स्वरुप हैंड पंप।
थोड़ी मेहनत से जो निकलता है पानी
प्यास बुझा जाता है।
जरूरत पूरी कर जाता है।
अच्छे अच्छों को इसका महत्व जब ही समझ पाते हैं।
जब पानी की किल्लत पर हम हैंडपंप पर जाते हैं।
थोड़ी मेहनत मशक्कत करके पानी निकाल कर लाते हैं।
और अपनी मेहनत के फल स्वरुप मिले पानी पर बहुत इतराते हैं।
मैंने अच्छे अच्छों को इन हैंडपंप पर पानी भर के देखा है।
जब गर्मियों में पानी की किल्लत थी तब आशीर्वाद स्वरुप इन हैंडपंप को देखा है।
इससे निकला शीतल और मीठा पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते दिखा है।
अपनी जरूरतों को पूरा कर लोगों को पानी ले लेते निकालते चलाते देखा है।
भले सुविधा कितनी भी हो गई मगर हैंडपंप का महत्व कम ना हुआ
ना कभी होगा कम, क्योंकि यह मशीन नहीं हाथ से चलने वाला है पंप।
थोड़ी मेहनत मशक्कत करो मीठा फल दे जाता है यह पंप।
अपनी जिंदगी को भी यह शीतल पानी के साथ तृप्ति दे जाता है।
पुराना चापाकल हैंड पंप रहा है हमेशा आशीर्वाद स्वरुप।
रूप भले कितने भी बदल जाए पर मैं तो इसका कम ना होगा।
हमारी जिंदगी में यह हमेशा अपनी महत्व की जगह बना कर रहेगा।
