आशा
आशा
मेरी एक आशा है
सबके साथ सबका विकास हो,
भ्रष्टाचार, आतंकवाद, परिवारवाद,
का सत्यनाश हो,
गरीब, गरीब ना रहे, भूखा ना रहे
कम से कम, कल जगने की आस हो,
मेरी एक आशा है
सबके साथ सबका विकास हो,
गाँव जाने की सड़क हो,
शहर में तड़क भड़क हो,
किसान खेती करें दिन भर,
चाहे धूप कितनी भी कड़क हो,
अच्छे दिन आएंगे,
रे मन, मत निराश हो,
मेरी एक आशा है
सबके साथ सबका विकास हो,
थोड़ी सी बचत हो
तनख्वाह में बढ़त हो,
गुलक ना टूटे सपनों का,
परिवार में एक मत हो,
दूरियां कितनी भी रहे,
विचार से आस पास हो
मेरी एक आशा है
सबके साथ सबका विकास हो,
व्यवसाय सरल हो
कानून निश्छल हो,
विचार स्वस्थ हो,
विचारधारा अटल हो,
प्रजा का प्रजातंत्र पे,
अटूट विश्वास हो,
मेरी एक आशा है
सबके साथ सबका विकास हो,
लेकिन....
शब्द कानों के भूत हैं,
कभी कभी दिख जाते हैं
भूखा देश विकास का,
विकसित होने को बिक जाते हैं,
नेता बेमोल खरीद लेते हैं,
सपने की भीख देते हैं,
संसद, राजनैतिक अखाड़े का प्रारूप है
ऐसा सुना था अब देखते हैं,.
बेटी, माँ, बहन की रक्षा,
क्या मुद्दे हैं चुनाव के
अफसोस, हाँ,
सब बिकते है अपने भाव पे,
हर चुनाव से पहले,
राम - रहीम लड़वाते हो,
जीते तो ठीक,
नहीं तो शांति दूत कहलाते हो
विकास, कब, कहाँ, कितना, क्यूँ हो,
इसकी बहस में वर्षों लग जाते हैं,
"कैसे " की चर्चा कौन करे
जब इसमें ही थक जाते हैं,
जब इसमें ही थक जाते हैं...
