STORYMIRROR

Amit Singh

Others

4.5  

Amit Singh

Others

मुश्किल है

मुश्किल है

1 min
289


हम खुद की खोज में इतनी दूर आ गए की

पीछे जाना मुश्किल है,

इतने डूबे है खुद में की रिश्ते निभाना

मुश्किल है,

जहाँ तक जा रही है नजर, मैं ही मैं तो हूँ,

जरूरी था किसी का का साथ होना,

मगर अब, मुश्किल है...


बहुत कोशिश मैंने भी की, ना रहे फासला कोई,

मगर जो दिखा नहीं दरमियाँ, उसे हटाना

मुश्किल है,


कुछ बारीकियां समझ के भी ना समझा शायद,

उन्हें वक़्त रहते समझ लेना,

शायद मुश्किल है,


कई बार देखा है गीले तकिये को मैंने,

उस दर्द का एहसास तो था, मगर मिटा पाना

अब मुश्किल है..


नज़र से छुप जाए कोई बात, ऐसा होता तो नह

ीं,

उस नज़रिये का बन पाना,

जरा मुश्किल है,


ज़िन्दगी में, जिस्म सफर का सामान ना लगे,

ऐसी आरजू थी मेरी,

जब उलझा वकालत में इसके, तो लगा,

ऐसा मुश्किल है,


अब तो भरे बाजार भी नज़र उठती नहीं उनकी,

जो गिरे नज़र से, तो खुद को उठा पाना

मुश्किल है,


कदम का लड़खड़ाना, कमजोरी नहीं थी उनकी,

बेटे की नाफरमानी का असर बाप पे समझ पाना,

जरा मुश्किल है,


बारिश तेज है या रो रहा है खुदा,

ऐसे हालात में ये समझ पाना

जरा मुश्किल है


जब तक मैंने मुझको मुझसे बाँध रखा है,

तब तक दूसरों को समझ पाना

जरा मुश्किल है,


Rate this content
Log in