STORYMIRROR

Amit Singh

Tragedy

4  

Amit Singh

Tragedy

आजादी

आजादी

1 min
466

आजादी..... हाहा हाहा,


क़िससे किसकी आजादी,

किसको दिखती है आजादी

देश विशाल महान मेरा,

पर कौन दिलाये आजादी,


गरीब को भूख से आजादी,

बहनो को डर से आजादी,

जनता को सत्ता से आजादी

किसको दिखती है आजादी,


रिसते छत से आजादी,

मत से बहुमत से आजादी

चूल्हे के धुयें ऐ आजादी,

किसको दिखती है आजादी,


हर दिन की कतार से आजादी,

नंगे व्यापार से आजादी,

झूठे प्रचार से आज़ादी

किसको दिखती है आजादी


मन की तन से आजादी

जीवन की धन से आजादी

छत से आँगन की आजादी

किसको दिखती है आजादी..


बच्चोंँ में बचपन की आज़ादी

तारों को गगन से आजादी

स्वतंत्र, स्वच्छन्द सा देश लगे,

जन जन को जीने की आजादी,


कर्म को वर्ण से आजादी

मंदिर को स्वर्ण से आजादी

अल्लाह को अज़ान से आजादी

किसको दिखती है आजादी,


तो फिर ये आजादी है कहाँ.....


नेताओं के भाषण में

बारिश से सड़ती राशन में

चीर हरण करने को आतुर

सामाजिक दुशाशन में,

तेजी से बढ़ती कीमत में,

पैसे से बिकती बहुमत में,

चौराहे के भीड़ में बैठा,

युवा भविष्य के बुरी लत में,


बांटो और राज करो,

ये नारा ना हमारा था,

सम्पूर्ण स्वराज के मालिक हम

भारत जानो से प्यारा था,


आओ इसको उतना ही प्रेम करें,

जितना वीरों ने निभाया था,

तिनका तिनका, रिश्ता- रिश्ता,

जोड़, हिंदुस्तान बनाया था,,,,,


तिनका तिनका, रिश्ता- रिश्ता,

जोड़, हिंदुस्तान बनाया था,,,,,।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy