आशा के दीप
आशा के दीप
रोते हुओं को हम आज ज़रूर हँसाएंगे,
कष्ट रूपी पसरे तम को हम दूर भगाएंगे।
अंधेरी स्याह रातों को रौशन कर जाएंगे।
चाँदनी छटा उनके भी जीवन में बिखराएंगे।।
बदलेंगे उन सबका नजरिया जीवन के प्रति।
ना करें जो सामना मुश्किलों का, करें जीवन इति।
बुजदिलों को मिल अब संगदिल बनाना होगा।
मन में उनके आशा के दीप जलाना होगा।
