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J P Raghuwanshi

Inspirational

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J P Raghuwanshi

Inspirational

आर्यावर्त

आर्यावर्त

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आर्यावर्त की कथा सुनावें,

सुनो, लगाकर कान।

सबसे सुन्दर अति मनभावन,

अपनों हिन्दुस्तान।।


राम,श्याम की पावन धरती,

शोभा नयनाभिराम।

कल-कल-कल-कल गंगा बहती,

रूकने का नहिं काम।।


श्याम रंग में रंगी है मीरा,

तुलसी के हैं राम।

गीता का सन्देश सुनावे,

आकर श्री घनश्याम।।


सरजू के पावन तट देखों,

बसों अयोध्या धाम।

रामलला की होवें आरती,

नित्य सुबह अरू शाम।।


राम-नाम की जप लो माला,

वनिहैं बिगरे काम।

द्रुपदसुता की लाज बचाई,

वस्त्र समा गये श्याम।।



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