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Phool Singh

Drama Tragedy Inspirational

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Phool Singh

Drama Tragedy Inspirational

आराम स्थल- श्मशान भूमि

आराम स्थल- श्मशान भूमि

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एक पल खुशी के नाम, क्या चिंता-फिक्र की बात

बुरा वक़्त है बीत जाएगा, होगा अच्छे दिनों का फिर आगाज।


कैसी इज्जत किसकी बेज्जती, ज़िदगी सबकी होती खास

कल का किसी को पता नहीं, क्यूँ गँवाते अपनी रात।


पड़ी रहेगी मोह-माया भी, काया भी छोड़ती अपना साथ

हँस लों गालों मोज मना लों, दोस्त-अपनों के संग में आज।


किसकी कमाई, किसकी विरासत, प्रकृति की सब सौगात

सपना है सब टूट जाएगा, कर्म के संग में सब खाली हाथ।


झुक थोड़ा सब्र तो कर, दर्श कराती नियति सब दिन-रात

अकड़ रही ना शहंशाहों की, तेरी-मेरी है क्या औकात।


मोह भंग जब भी किसी का होता, दो तलवार न रहती एक म्यान

चलाने वाला बस एक वीर है, जीवन डोरी है उसके हाथ।


कुछ पल के मेहमान है हम सब, आराम स्थल है श्मशान घाट

जीवन-मरण के बीच का जीवन, उसके बाद है चिर आराम।


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