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Priyesh Pal

Abstract

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Priyesh Pal

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आओ रावण बनें

आओ रावण बनें

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आओ रावण बनें, 

संगीत में हो पारंगत, 

ज्ञान चक्षु खुले रहें।


हों बलशाली, 

ईष्ट पर अपने

भक्ति. भरोसा अटूट रहे।


नृत्य हम हर हाल में करें, 

हो अपनों के सम्मान में

हरपल खड़े।


अनेकों अच्छाइयां हैं

दशानन की,

उनके अंदर की बुराई का ही

सिर्फ़ दहन करें। 

 

आओ इस दशहरे में हम

रावण बनें।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍

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