आँसू
आँसू
ये आँसू भी “साथी" आँखों से,
क्या खूब वफ़ा निभाते हैं,
ग़म में तो छलकते हैं आँखों से,
खुशियों में भी पलकें नम कर जाते हैं।
आँसू की रफ़्तार तो है,
एकदम दिल के भावों जैसी,
देख इन्हें लगता है जैसे ये
दिल की भावों संग बतियाते हैं।
ये आते हैं आँखों में तब भी,
जब ऋतु पिया-मिलन की आती है,
और तब भी आते हैं आंखों में,
जब पिया परदेश को जाते हैं।