आँसुओं की कहानी।
आँसुओं की कहानी।
मेरे आँसुओं की कहानी शादी के बाद शुरू हुई,
शादी क्या बर्बादी तो मेरी शीर्षक:- आँसुओं की कहानी।
मेरे आँसुओं की कहानी शादी के बाद शुरू हुई,
शादी क्या बर्बादी तो मेरी ज़िंदगी की शुरू हुई।
ग़म और तकलीफ़ तब से आजतक साथ मेरे,
अपने-पराये सभी अकेला ग़म के साथ छोड़ गए।
आँसुओं की बहुत सी कहानी सभी की भी होती,
कुछ की हमेशा हँसाने वाली कहानियाँ भी होती।
कुछ की हमेशा रूलाने वाली कहानियाँ भी होती,
कुछ कभी हँसी तो कभी रूलाने वाली भी होती।
हमारी आँखों में आँसू कभी भी व्यर्थ नहीं बहते,
जब बहुत ख़ुश या बहुत ग़म तभी तो यही बहते।
कोई दिल के टुकड़े बार-बार करता तो ख़ूब बहते,
कभी डर की वजह से भी तो सदाबहार यह बहते। की शुरू हुई।
ग़म और तकलीफ़ तब से आजतक साथ मेरे,
अपने-पराये सभी अकेला ग़म के साथ छोड़ गए।
आँसुओं की बहुत सी कहानी सभी की भी होती,
कुछ की हमेशा हँसाने वाली कहानियाँ भी होती।
कुछ की हमेशा रूलाने वाली कहानियाँ भी होती,
कुछ कभी हँसी तो कभी रूलाने वाली भी होती।
हमारी आँखों में आँसू कभी भी व्यर्थ नहीं बहते,
जब बहुत ख़ुश या बहुत ग़म तभी तो यही बहते।
कोई दिल के टुकड़े बार-बार करता तो ख़ूब बहते,
कभी डर की वजह से भी तो सदाबहार यह बहते।
