आखिरी शब्द
आखिरी शब्द
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उसके मुझसे कहे गए वह आखिरी शब्द कि
कोई तुम्हें मुझसे ज्यादा प्यार क्यों करेगा
आज भी कानों में गूंजतें है मेरे
और एहसास कराते हैं मुझे गुनहगार होने का।
उसकी वह समुद्र सी गहरी आंखें
अश्कों से झांकती हुई आज भी
घूमती है मेरे सामने और डूबा देती है
मुझे पीड़ा के अनकहे से संसार में,
उसका बेनूर हुआ चेहरा
दिल के हर दर्द को बयां करता हुआ,
अक्सर दस्तक देता है मेरे सपनों में
और मजबूर करता है मुझे
फिर से उसे याद करने को,
उसके अधरों की बेपरवाह खिलखिलाहट,
जमाने के खौफ से बिल्कुल बेखबर
अक्सर गूंजती है मेरे कानों में और
एक बार फिर से मुझे एहसास
कराती है गुनहगार होने का।।