आज फिर दीवाली आई है
आज फिर दीवाली आई है
दीयों की जगमगाती कतार और
खुशियों की खिल उठी फुहार
मन में उत्साह की तरंग
और सज उठे रंगोली के रंग
ये त्योहार ले आया साथ में
परिवार और अपनो का संग
हर कोने में रौनक
और हर दिल में खुशी छाई है
आज फिर दीवाली आई है
रोशन हो उठा हर घर दीयों के प्रकाश से
स्वागत करे इस पर्व का हम हर्ष और उल्लास से
नन्हे हाथों में फुलझड़ी
और दुकानों में ग्राहकों की हड़बड़ी
भूलकर फ़िकर सारी छोटी और बड़ी
मनाये हम ये पावन त्योहार की घड़ी
नए सपने और नए विचारों की
ज्योत मन में जगाई है
आज फिर दीवाली आई है
जिस तरह गूंज रहा हर ओर पटाखों का शोर
उसी तरह छूए हम कामयाबी के छोर
ले संकल्प और पार कर जाएं उन्नति की सीमा
बिलकुल जैसे इन सजे हुए दीयों की अद्भुत गरिमा
तैयार कर ले हम अपने आगामी सपनों की डोली
जैसे दरवाजे पर बनी आकर्षक रंगोली
शुभ नव वर्ष के आगमन की
हर एक को ढेरों बधाई है
आज फिर दीवाली आई है।
