आदर्श शिक्षक
आदर्श शिक्षक
सर्व पल्ली राधाकृष्ण जी के जीवन दर्शन का आत्मबोध आदर्श है वर्तमान में एक शिक्षक
जिसने अपने भगीरथ प्रयासों से हिंदी को एक नया क्षितिज प्रदान
करने की साध्य साधना के अनुष्ठान की जाग्रति का शंखनाद किया है
उनके सम्मान में समर्पित कुमार है, विश्वास है,
हिंदी हिंदुस्तान का अवनि आकाश है----
माँ बाप ने बोलना, चलना
सिखाया जिंदगी के रिश्तों
से मिलाया।।
बापू ने हाथ पकड़कर पाठशाला की राह बताई
जिंदगी के सफ़र में ज्ञान कर्म का पड़ाव
शिक्षक माँ बाप के आशाओं का शिल्पी।।
ना छैनी, ना हथौड़ा, सिर्फ अक्षर
से शुरू शब्द, किताब पढ़ा गढ़ा
मतलब महत्व का मानव बनाया।।
ना कोई ग़ुरूर ना कोई लालच
अपनी पाठशाला के हर बचपन
को ज्ञान, विज्ञान, गणित संस्कृत
संस्कार सिखाया ।।
अपने बेटे की तरह हर बचपन
को संवारा कभी बेदर्द से कभी मोम अपने विद्यार्थियों के लिये
अपना सर्वस्व गंवाया।।
कुछ मिले ना मिले हर बचपन की
जिंदगी को लिये मर्म मर्यादा
का मान बनाया।।
जिसने भी ध्यान से ज्ञान की
दीक्षा, शिक्षा पे मन लगाया
शिक्षक की शिक्षा का सार
नीति रीति सूझ, बुझ सौम्यता
धैर्यता की सफलता पाया।।
शिक्षक ही है जिसने युग
को जाने कितने ही महिमा
महान दिये संयमित संकल्प
के समाज दिए ।।
जंगलों में पर्ण कुटी जिसका
बसेरा गुरु कुल की परम्परा
पाठशाला ने ही गुरुकुल की
जगह ।।
कान्वेंट कल्चर शिक्षक गुरु के रिश्तों कर्तव्यों को ही निगल डाला।।
अब तो सर मैडम है बच्चे पढ़े ना पढ़े शिक्षक बचपन को गढ़े या ना गढ़े
माँ बाप को बच्चों की जगह पढ़ना पड़ता।।
शिक्षा शिक्षक का टूट गया रिश्ता सर्व पल्ली के विचारो का
शिक्षक राधा कृष्णन के व्यवहारों का शिक्षक जाने युग में कहाँ खो गया।।
शिक्षा आत्म प्रकाश शिक्षक प्राण है, ज्ञान सांसे, शिक्षक धड़कन जान है, शिक्षा संस्कार, व्यवहार।।
शिक्षक मन, मस्तिष्क, ध्यान, योग, कर्म दायित्व का सत्य सत्कार, साक्षात्कार है।।
शिक्षक की शिक्षा से समाज राष्ट्र निर्माण है इतिहास वर्तमान है।।
परम शक्ति सत्ता से भी परिचय करवाता मर्म महात्म बताता
स्वर ईश्वर से ऊँचा शिक्षक गुरु का प्रत्यक्ष भगवान से ऊँचा स्थान है।।
