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Vivek Madhukar

Abstract Inspirational

4.9  

Vivek Madhukar

Abstract Inspirational

आदिशक्ति - माँ

आदिशक्ति - माँ

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माँ

तुम एक घटना हो

ब्रह्माण्ड की

या कि

उन अनगिनत ब्रह्मांडों की

उपस्थित हैं जो हमारे भीतर

या कि बाहर.


माँ

तुम्हारा होना एक सत्य है

जैसे होना है सूरज-चाँद का

तुम्हारे होने का एक अर्थ है

जैसे होता है ऋतुओं का.


माँ

पहचान न पाए हम खुद को कभी

तुम पहचान गईं हमें

जान न पाए क्या है

अंतर्मन की प्यास

किसे पुकार रहा हमारा रोम-रोम

तुम जान गईं

और ले लिया हमें अपने अंक में.


>माँ

अनजाना-अपरिचित साधना का पथ

तुम पथ-प्रदर्शक

कामना नहीं मोक्ष पाने की अब

पा लिया तेरा सान्निध्य जब.


हे ममतामयी

हे करुणामयी

हे दयामयी

हम हैं दीन बालक तेरे

अज्ञान का तम है हमें घेरे

बाँधे हुए है हमें जन्म-मरण के फेरे


है अटल विश्वास ये

मुक्त करेगी तू ही हमें

इस माया-पाश से

और कराएगी दर्शन उस

अद्भुत संसार का

जहां नहीं है कोई दुःख,

सिर्फ सुख, अनिर्वचनीय सुख

और है

आनंद का प्रकाश।


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