''आदि-शक्ति''
''आदि-शक्ति''
कोई तुमसे पूँछे कौन हूँ मैं
तो तुम कुछ यूं बतला देना।
हैं एक झरोखा हवा का
जैसे उड़ने की कोई चाह
पतंग सी धागों में उलझी सी
बादलों के बुलबुलों को छूने की मनसा
कोई तुमसे पूँछे कौन हूँ मैं
तो तुम कुछ यूं बतला देना।
हैं कोई विचित्र स्वावलंबी
ना वर्त की आश्चर्य ना भूत
का सँकोच न भविष्य की फिक्र
हैं जैसे रुकावटों को
चित्त करने की लालसा
कोई तुमसे पूँछे कौन हूँ मैं
तो तुम कुछ यूं बतला देना।
हैं स्वभाव मैं सरल सजग
द्वि रुपधारी अनुशासित
प्रखंड क्रोध की प्रेम अग्नि से परे
एक और शांत घनघोर
एक और युद्ध रणथम्भौर
कोई तुमसे पूँछे कौन हूँ मैं
तो तुम कुछ यूं बतला देना।
परिचय के तौर पर नाम मेरा
''आदि-शक्ति'' बता देना।