आधे तुम हो जवाँ
आधे तुम हो जवाँ
आधे तुम हो जवाँ ,आधे हम हैं जवाँ ,
चलो मिलकर हो जायें ,दोनो पूरे जवाँ
कितना रंगीन है ,आज इश्क ~ए ~समाँ ,
चलो मिलकर हो जायें ,दोनो पूरे जवाँ
कितने भेजे संदेश ,तुम्हे मदहोशी भरे ,
दिल में उमंगें भरीं ,बोलो तुम हो कहाँ ?
अधरों की लालिमा ,ऐसे कसने लगी ,
चूमने भँवरे को ,ढूंढे यहाँ और वहाँ
वक्ष कसने लगे ,तेरे आलिंगन को ,
तेरे पीछे चलें ....तू जाये जहाँ
ये जवानी मेरी ,अब संभलती नहीं ,
दरिया ~ए ~इश्क से ,अब उठता धुआँ
आधे तुम हो जवाँ ,आधे हम हैं जवाँ ,
चलो मिलकर हो जायें ,दोनो पूरे जवाँ।।

