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सोनी गुप्ता

Abstract

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सोनी गुप्ता

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2020 की यादें

2020 की यादें

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साल 2020 से अब तक का सफर 

जिसे भुलाकर भी नहीं भूल सकते 

मानो ट्रेन में सफ़र कर रहे थे और 

ट्रेन एक ऐसे स्थान पर रुक गई है 


जहाँ आगे जाने की राह न दिखती है  

अपनों से दूर न जाने कहाँ हम 

बहुत दूर हो गए अपनों से 

गम बहुत था दूर होने का हमें 


पर संतोष था सब सलामत हैं 

कुछ ही समय हुआ दर्दनाक 

खबर आई सुनकर दिल भर आया 

जो करीबी थे उनको आज खो दिया 


कोरोना का कहर ऐसा बरपा 

जाने कितने अपनों को निगल गया 

हम पास रहकर भी कुछ न कर पाए 

इतने असहाय हो गए आज 


अपनों को ही न बचा पाए 

2020 से 2021 तक का सफ़र 

अभी तक भयावह बना हुआ है 

न जाने ये कोरोना कब थमेगा 


कब रुकेगा इसका कहर 

कब सब पहले जैसा होगा 

कब हम सब साथ होगें 

आखिर कब आयेगा वो समय।


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