14 फरवरी पुलवामा हमला
14 फरवरी पुलवामा हमला
14 फरवरी
पुलवामा हमले में शहीद जवानों के नाम पर कविता।
जाने कैसे फूट-फूटकर मां का आंचल रोया होगा
वह छाती रोई होगी जिसने बेटा खोया होगा
जाने कितनी ही गुलाब की पंखुड़ियां बिखरी होगी
और कितनी ही नई नवेली सी मांगे उजड़ी होंगी
जाने कैसे राखी का हर एक धागा टूटा होगा
और अश्क से न जाने कितना ही काजल छूटा होगा
भूल गए हम आज के दिन थे जो बलिदान हुए
प्रेम दिवस के दिन जाने कितने सैनिक कुर्बान हुए
मैं उनके चरणों में नहीं तन मन धन अर्पित करता हूं
निश्छल मन से आज उनको श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं