Pooja Kalsariya

Abstract

3.5  

Pooja Kalsariya

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खुश हूँ

खुश हूँ

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जिन्दगी है छोटी , हर पल में खुश हूं 

काम में खुश हूं , आराम में खुश हूं 


आज पनीर नहीं , दाल में खुश हूँ 

आज गाड़ी नहीं , पेदल में ही खुश हूँ 


आज कोई नाराज है,

उसके इस अंदाज में ही खुश हूँ  


जिसको देख नहीं सकता,उसकी आवाज़ में ही खुश हूँ 

जिसको पा नहीं सकता,उसको सोच कर ही खुश हूँ 


बीता हुआ कल जा चुका है,उसकी मीठी याद में ही खुश हूँ 

आने वाले कल का पता नहीं,इंतजार में ही खुश हूँ 


हंसता हुआ बीत रहा है पल,आज में ही खुश हूँ 

जिंदगी है छोटी,हर पल में खुश हूँ 



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