पहला प्यार
पहला प्यार
खूबसूरत थी और उसे इस बात का शायद घमण्ड भी था। हर ख़ूबसूरत शख्स को ऐसा होता है।हमारे स्कूल की छुट्टी उससे कुछ पहले होती थी। उस मोड़ पर उसके आने के वक़्त से कुछ देर पहले मैं वहाँ पहुँच जाता वो जानती थी मैं वहाँ उस कोने में किसलिए खड़ा हूँ। .
वो तिरछी आँखों से मुझे देखते, मुस्कराते हुए अपनी सहेलियों के साथ निकल जाती.
उसकी ऑंखें उसके चेहरे में सबसे ज्यादा बोलती थीं
‘उस रोज़ मैं थोड़ा पहले पहुँच गया था अचानक वो आती दिखी अपनी सहेलियों के साथ, उस रोज़ उनके ग्रुप में कोई एक लड़की और थी। सब आगे कदम बढ़ाती और वो पीछे रह गई थी, ऐसा लगा जैसे वो उन्हें आवाज़ें दे रही थी कि वे अपने कदम थामें पर आगे वाली लड़की जैसे सुन नहीं रही थी।मैं एक दुकान की ओट में था. अचानक बैलेंस संभाल नहीं पाई और गिर पड़ी.
आगे वाली तीनों लड़कियाँ जोर से हँसी वो भी. उसने अपनी दोनों सहेलियों से कुछ कहा और उसके हँसते-हँसते मेरी और उसकी नजरे टकरा गई।
मुझे पता था अगले 20 सेकेंड और रुका तो हम खुद को बर्बाद होने से नही रोक पाएंगे।
आशिर्वाद था उन लौंडो का जिन्होंने ने हमारे ट्रेन को स्टेशन तक पहुचाने का जी जान से मेहनत किया। वक्त के साथ तजुर्बा भी आने लगा...
नये नये प्यार में पड़ा लौंडा खुद को सम्भालने की कोशिश में था की तभी शुरू हुई मौसम की बारिश।
मैं और बारिश जिसका जन्मो जन्मो से नाता रहा ।
फिर क्या स्कूल में चार घण्टी पढ़ाई पढ़ने के बाद लौंडो की टोली जमा होनी शुरू हुई और मोनी के दुकान में मानो बहार आ गई चाय पर चाय ऑर्डर आने शुरू हो गए सब आपस में गपसप करते चाय का मज़ा ले रहे थे और मैं दुकान के उस कोने में बैठा था जहाँ एक छोटा सा झरोखा था जहाँ से ठंडी ठंडी हवाएं बारिश की बूंदों के साथ मेरे चेहरे को छूते इठलाते हुए मेरे कमीज को भिगो रही मानो जैसे प्यार जैसे शब्द का अनोखा ऐहसास से अवगत करा रही हो ।
तभी अचानक एक जोर का धक्का मेरे कंधे पर लगा। मैं अपने सपनो की दुनिया से जैसे बाहर आ गया । मेरे जबान अचानक बोल पड़े।
क्या हुआ ।
दोस्तों ने बोला बेटा घर जा के नहा क्यों नही लेते ।
पता ही नही चला की मैं लगभग आधा भीग चूका था।
हम थोड़ा मुस्कराए और खड़े हो गए।
बैठे बैठे दोस्तों ने लगभग 150 रुपए तक की चाय पिली और पैसे देने की बारी उस दिन मेरी थी।
चाय का पेमेंट होने के बाद हम फिर अपने स्कूल में झुण्ड बना कर अंदर गये अपने अपने सीट पर बैठ गए बारिश अभी थमी नहीं की स्कूल के चपरासी आये और बोले आज मिश्रा गुरु जी का देहांत हो गया है तो स्कूल में उनकी आत्मा की शांति के लिए कुछ समय का मौन रहना है।
हम अभी खड़े ही होने वाले थे की फिर उसकी क्लास में एंट्री हुईं अपने बालो को एक हाथ से झटकते हुए और दूसरे हाथ में गुलाबी रंग का रुमाल।
ओ तेरी फिर वही आँखों का कातिलाना अंदाज
जब तक सारे लड़के लडकिया मौन खड़े थे हम उसे एक टक देखे जा रहे थे।
कुछ पल के लिए पूरा क्लास में सन्नाटा पसरा हुआ था।
बस कर भाई कुछ कल के लिए भी रहने दे...
मेरे कान में ये बात किसी ने धीरे से बोला।
फिर मैंने अपनी आँख बंद कर ली ।
ये क्या जब मेरी बारी आई तो सब अपना अपना बैग उठाये क्लास से बाहर निकलने लगे जल्दी से मैंने अपनी आँख खोली और जिसका डर था वो हुआ वो भीड़ में मानो गायब हो गई।
मन ही मन अपने आप को कोसते हम भी घर जाने की तैयारी करने लगे तभी मेरे एक दोस्त ने बोला चलो आज क्रिकेट खेलते है वैसे ये भाई क्रिकेट के दीवाने थे हम सब दोस्त मिलकर निकल लिये क्रिकेट खेलने और शाम तक खूब जम कर खेले।
फिर क्या जब भी टाइम मिलता हम सब क्रिकेट खेलने निकल जाते। एक दिन ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहे थे. मैं अभी बैठा था। बैटिंग आनी बाकी थी।शायद उस मुहल्ले में आई थी। मैं उसे काफी देर तक देखता रहा।
हमलोग जहाँ खेलते थे वहाँ से उसके आने-जाने का रास्ता साफ़-साफ़ दीखता था। अब मेरा यह रोज का रूटीन हो गया। मैं सबसे पहले ग्राउंड में आ जाता अगर उसके आने के टाइम हमलोग फ़ील्डिंग कर रहे होते तो मैं वही फ़ील्डिंग करता जहाँ से वह आते-जाते दिख जाती। उसे देखने में कई बार फ़ील्डिंग भी मिस हो जाती। ध्यान तो उसके आने में जो लगता था
एक दिन अचानक से उसका आना बंद हो गया ना वो स्कूल आती और ना ही उस रास्ते से जहाँ हम उसका हर रोज बेसब्री से इंतजार करते।
काफी खोजबीन के बाद पता चला वो तो कहीं घूमने चली गई थी
बताओ हम बेमतलब परेशान हो रहे है।
आखिर वो दिन आ ही गया जब हम उसको घर जाते देखा।
रोज की तरह हम फिर से नहा धो कर ख़ुशी ख़ुशी स्कूल गए।
क्लास शुरू हो गया धीरे धीरे सब मास्टर जी आते और पढ़ा कर चले जाते ।
और हम रोज की तरह आज भी यही सोचते की आज उससे बात करेंगे ।
स्कूल की छुट्टी हो गयी और हम आज उससे अपने दिल की बात कहने के लिए बेताब हो रहे थे।
तभी मेरे एक दोस्त ने आ कर बताया बेटा जिसके चक्कर में तुम बर्बाद हो रहे हो न वो तुम्हारे कुंडली से दूर है वो तुमसे बड़े क्लास के लड़के के साथ घूमने गई थी। और वो दोनों एक दूसरे से प्यार करते है।
इतना सुनते ही हम बौखला गये हमारा दिल जो टूटा था सारे सपने टूटे थे। हमारे आँखों का पानी निकलना बंद नहीं हो रहा था।
उस दिन हम खूब रोये और फिर दोस्तों के काफी समझने के बाद चुप हुए महाभारत हो तो हम कब का शुरू कऱ दिए होते लेकिन उसकी खुशी में ही हमारी ख़ुशी थी ।
उसी दिन हमने सोच लिया की अब हम अपने पढ़ाई पर पूरा ध्यान देंगे। हम अपना झोला उठाये और कानो में हेडफोन लगा कर गाना सुनते हुए घर की तरफ चल दिए।
बस एक कसक सी रह गई थी की हम अपने दिल का बात उससे बता नही पाये और ये प्यार अधूरा ही रह गया।