हमारे छोटे छोटे शहर
हमारे छोटे छोटे शहर
हमारे छोटे छोटे शहरों की भी यह खाश बात होती है, यहां हर इंसान की जुबां से अपनेपन की बात होती है | हर गली , नुक्कड़ और चोराहों पर रहते है कुछ लोग, जिनसे हंसी मज़ाक, प्यार मोहब्बत, और दिल से जुडी हर बात होती है | खुशियो के मौकों पर महफ़िल सजाते हैं ये लोग, वक़्त बुरा आने पर सहारा भी बन जाते है ये लोग | हर दुःख दर्द जुदा हो जाता है हमसे, जब दुआ सलाम के साथ इनसे मुलाकात होती है, हमारे छोटे छोटे शहरों की भी यह खास बात होती है..! हर सुबह आँगन में खुशियो की किरणे बिखेरता है सूरज, हर ढलती शाम त्यौहारों सी नजर आती है, भाईचारे के साथ रहते हैं हर धर्म के लोग यहां, राम राम दुआ सलाम के साथ जिनसे दिन की शुरूआत होती है, हमारे छोटे छोटे शहरों की यही तो खास बात होती है, यहां हर इंसान की जुबां से अपनेपन की बात होती है |