फिर वही एहसास
फिर वही एहसास
"अदिति बेटा उठो ....स्कूल नहीं जाना क्या ?"
शिखा ने ममता भरा हाथ अपनी बेटी के सिर पर फेरकर प्यार से उसको जगाते हुए कहा ,मगर एकदम हाथ पीछे को खींच भी लिया क्योंकि अदिति को तेज बुखार था l
"मम्मी बहुत दर्द होता है l "
अदिति ने कराहते हुए कहा , अदिति नौ बर्ष की हो चुकी थी , शिखा उसके साथ मित्रवत व्यवहार करती है l
अदिति शुरू से ही अपनी हर छोटी - छोटी बात को अपनी माँ के साथ शेयर करती है और शिखा भी अपनी बेटी की बात को बड़े मन से सुनती ही नहीं अपितु सारे सवालों का जवाब भी बड़े अच्छे तरह से देती है l
"कहाँ....सिर में ?"
शिखा ने सिर को सहलाते हुए कहा l
"नहीं ...मम्मी ..कभी इधर कभी इधर."
अदिति ने अपनी मम्मी के हाथ को सिर से हटाकर सीने पर रखते हुए कहा तो शिखा को भी एक दर्द का एहसास हुआ उसको समझते हुए देर न लगी कि बिटिया अब बड़ी हो रही है यानि कि बाल्यावस्था के समापन और किशोरावस्था की ओर अग्रसर।
"कोई बात नहीं बेटा सब ठीक हो जाएगा l "
शिखा ने अदिति को सीने से लगाते हुए कहा।
अदिति के चेहरे पर बिखरे प्रश्नों को माँ की नजर ने देखा ही नहीं ,महसूस भी किया और मन ही मन बेटी को सब कुछ बताने का निर्णय भी लिया।
"अदिति बेटा आज आप स्कूल से जब वापस आजाओगी तब हम बहुत सारी बातें करेंगे l "
"जी, मम्मी l "
अदिति का बुखार अब दूर जा चुका था चेहरा फूल की तरह खिल उठा माँ की जादू की झप्पी और ममता के कारण
अदिति तैयार होकर स्कूल चली गयी और शिखा भूतकाल में चली गयी l
जबवह छोटी थी तब उसने भी अपनी यही समस्या मतलब शारीरिक परिवर्तन के बारे में अपनी माँ को बताया तो माँ ने सख्त हिदायत दी थी कि
,"इसके सम्बन्ध में घर के किसी सदस्य से बात नहीं करते ...यह बहुत गंदी बात होती है !"
सुनकर शिखा सहम गयी थी और अकेले ही न जाने कैसे कैसे जब न तब कभी बाएं तो कभी दायें कोमलांगों में उठने बाली पीड़ा को अकेले ही सहा था l कोई नहीं था उसके प्रश्नों के उत्तर देने बाला l
बादमें जब किताबों में हार्मोन्स परिवर्तन और शारीरिक परिवर्तन के सम्बन्ध में पढ़ा तब जाकर पता चला था l
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