डाकू
डाकू
छोटी बहन ने घर में कदम रखा ही था की बड़ी बहन हैरानी से बोली,
"दिन का तो समझ में आता है कि, तुम धूप की कारण डाकू बन कर जाती हो पर अब शाम को सात बजे कौन से सूरज देवता चमक रहे थे।"
बड़ी बहन की बात सुन कर मुँह से स्कार्फ हटाते हुए छोटी बहन फिल्मी स्टाइल में बोली,
"धूप से डर नहीं लगता है दीदी, सड़क पर आवारा फिरते मनचलों से डर लगता है।"
बेटी की बात सुनकर माँ के चेहरे पर एक साया सा लहराया और वो उठ कर अन्दर चली गयी।
वापस आकर बेटी से बोली,
"आइज क्लोज।"
और साथ ही उसके हाथों में कुछ रखते हुये बोली,
"नाऊ ओपन यॉर आइज, अब तुम्हें किसी से डरने की जरुरत नहीं है।"
बेटी ने आँख खोलने के साथ ही देखा-
बेटी के हाथ में सनस्क्रीन और पेपर स्प्रे का बॉटल थी।