STORYMIRROR

बेज़ुबानशायर 143

Abstract Tragedy Inspirational

4  

बेज़ुबानशायर 143

Abstract Tragedy Inspirational

मानव मूल्यों का मोल

मानव मूल्यों का मोल

1 min
370


आओ हम सब एक संकल्प ले,

दया भाव और करुणा के।

सभी के यह विकल्प दे ,

(इंसानियत को अपना ले)-2 ।।


हम सब एक ही खून के,

गरीबों के हम सब सुन के।

दिल में एक जगह दे ,

(इंसानियत को अपना ले)-2 ।।


मानव को क्यों है मानव शत्रु ,

टूट रहे हैं क्यों सबके जत्रु ।

भाई - भाई के सपने कर सकार ,

(इंसानियत को अपना ले)-2 ।।


मिट्टी की बढ़ती मोल ,

मानव जीवन है अनमोल ।

मानव को मूल्यों में ,

(इंसानियत को अपना ले)-2 ।।‌



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract