दुआ हमारी कबूल हो जाती है
दुआ हमारी कबूल हो जाती है
उम्र भर साथ कहाँ कोई निभाता है
इक दिन तो साथ छोड़ ही जाता है।
ये राज़ की बातें हैं इनको राज़ ही रहने दो
अपने दिल के राज को राज़ ही रहने दे तो अच्छा।
फुर्सत मिले कभी तो हम भी बताएंगे
दर्द दिल के क्या है तुम को समझायेंगे।
तुम अब अपनी मौज मस्ती कर लो
हम को रोना है सो रो लेने दो।
तेरे बिन कैसे गुजरे है ये पल हमारे
ये भी तो राज़ है राज़ ही रहने दो।
कभी मांगेंगे हम भी हिसाब तुमसे
अपने आँसुओ का वो दिन आएगा।
आज हम को तेरी परवाह तेरी चिंता है
एक रोज तुझको भी हमारी जरूरत होगी।
उस दिन का को इन्तेजार रहेगा इन्तेजार रहेगा
जब मेरी गलियो में तेरा बसेरा होगा।
तुम्हारे हिस्से में कोई गम न आये इस लिए तुमसे दूर हो गए,
तेरे हर गम को हम अपने नाम लिख आये।
तेरे चेहरे पर ख़ुशी रहे हमेशा इस लिए जुदा तुझसे हो गए,
हर आँसू तेरा हम अपने नाम लिख आये।
उम्र अगर तेरी कम होगी तो गम न करना,
रब से हमने अपनी उम्र तुम्हे देने की दुआ जो मांगी है।
हर दुआ आज तक हमारी कबूल होती आयी है,
यह भी दुआ कबूल हो जायेगी हमारी उम्र तुझको मिल जायेगी।
माना की हम कभी एक हो न पाएंगे,
पर फिर भी प्यार हमारा तेरे लिए कम न होगा।
तू हमको भूल भी जाए तो तेरी मर्ज़ी,
हम तुझसे कभी कोई शिकवा गिला न करेंगे...।।