वसंत ऋतु का आगमन
वसंत ऋतु का आगमन
वसन्त ऋतु के आगमन पर मन प्रफुल्लित हो जाता
देता मन को आनंद और जीवन खुशियों से भर जाता
वसन्त ऋतु के आते ही तापमान में हो जाती है नमी
चहुँ ओर हरियाली खुशियों में ना होती है कहीं कमी
हरियाली देखकर हर चेहरे पर मुस्कान चहकती है
सर्दियों का होता अंत सब जगह खुशहाली छा जाती है
कोयल का गीत मानो वसंत आने की घोषणा करती
मानो कल – कल करती नदियाँ संग खुशियाँ बहती
मौसम की सुन्दरता हमको कलात्मक बना देती है
आत्मविश्वास के साथ शरीर में नई ऊर्जा भर देती है
प्रकृति में फूलों की खुशबू और रोमांच से भर जाता है
वसंत ऋतु का आगमन मन प्रफुल्लित कर जाता है
सुबह पक्षियों की आवाज और रात चाँद की चाँदनी
ठंडी –ठंडी हवा बहती मन को तरोताजा कर देती है
फसल पकती तो मौसम देख किसान खुश हो जाता
वसंत ऋतु में फसल काटने का समय जो आ जाता है
सरसों के पीले-पीले फूल एक अलग एहसास दिलाते
खुशियों में सरावोर हो ऋतुराज का स्वागत करते हैं
सारे दुखों का हो जाता अंत खुशियाँ दस्तक देती हैं
पक्षी किलकारियाँ मारकर बसंत का स्वागत करते हैं
फूलों के संग पेड़–पोधों को नया जीवन मिल जाता है
धरती का होता जब श्रृंगार मन प्रफुल्लित हो जाता है
मुस्कराहट संग कवि की कविताओं का होता श्रृंगार
धरती पर ही मिलता हमें प्रकृति का अनमोल उपहार।
