सैनिक
सैनिक
फिर उड़ गई नींद जब सोचा
सरहद पे बहा खून मेरे लिए था
शिद्दत से निभाई जो जाबांजी
वो हर जूनून मेरे लिए था
करने चले थे जान कुर्बान
वो हर वजूद मेरे लिए था
मगर..
दिल से निकली दुआ
हर इ्बादत.. और हर जज़्बा
जो माँगा खुदा से मैंने
वो तेरे. लिए था
सर उठा के चल दूँ ..
जब साथ ना हो तुम
वो मेरा हर पल तेरे लिए था