आस
आस
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जिंदगी की ठोकरों से सच्चा ज्ञान सीख लिया।
मुकद्दर से अपने जीवन का मूलमंत्र सीख लिया।
रूलाया अपने दिल को, समाज को खुश रखने की खातिर
अपने जज्बातों का तमाशा बना कर मुस्कुराना सीख लिया।
अपने आप से किया तो क्या प्यार किया, दिल को तोड़कर
हँसने वालो से वफा निभाना सीख दिया।
कैद करके दिल की चारदीवारी में
खुशियों की कब्र बनाना सीख लिया।
तेरी वफाए उंगलियो पर गिना सकते हैं
मेरा उम्र भर तुझे याद ना आना,
तेरा मुहँ फेर के चले जाना।
उम्र भर तेरे प्यार के अहसास के सहारे
जिये जाना सीख लिया हमने।