जिस्म
जिस्म
तेरे किरदार में इतना ढल जाया करते हैं,
कोई रौशनी कहता है तो जल जाया करते हैं।
क्या बीतती है ज़रा उन शाखों पर पूछो,
जब बहारों के मौसम बदल जाया करते हैं।
इतनी भी खूबसूरती अच्छी नहीं जनाब,
भौंरे अक्सर फूलों पर मचल जाया करते हैं।
मेरा इश्क़ कहीं मुझे ही पागल न कर दे,
उसे छूने से पहले ही संभल जाया करते हैं।
अब तुझे देख कर ये यकीन होता है 'समर',
जिस्म हासिल करके सब बदल जाया करते हैं।।