कुछ करने की हिम्मत
कुछ करने की हिम्मत
कुछ करने की हिम्मत है तो,
सपने रख तू बड़े-बड़े।
दौड़ भाग कर मिलती मंजिल,
सोच रहा क्या खड़े-खड़े।
आसमान पर जोश को रखदे,
होश ज़मीं पर भी रखना।
स्वाद सफलता के तू अपने,
धीरे-धीरे ही चखना।
देख दुखों को मत डरना,
दर्दों से दोस्ती करनी है।
जिनके सपने चूर हो गए,
वहाँ रोशनी भरनी है।
अंगारों की राह भले,
नंगे पांवों को डर कैसा ?
बाधाओं को देखके लटके,
नहीं चाहिए सिर ऐसा।
यदि भयंकर भार भीत का,
तो भी मां साहस भर दे।
नहीं मानूँ मैं हार कभी,
अपने बेटे को ये वर दे।
नहीं मानूँ मैं हार कभी,
अपने बेटे को ये वर दे।