काव्यांजली
काव्यांजली
कमल था की कमाल था ?
कमल था की कमाल था ?
अपने मा-बाप का लाल था
पत्नी के प्यार की मिसाल था
परिवार के भाव से मालामाल था
दोस्तों मे धमाल था
दुख ; दर्द में ढाल था
लहराते पतंग की चाल था
होली का गुलाल था
नवरात्री की ताल था
सदगुणो से निहाल था
होनी का उसे ख्याल था
पड़ी जरूरत जिसकी उपर थी
पड़ी जरुरत जिसकी उपर भी
कमल ऐसा बे-मिसाल था
कमल था, कमाल था।
