Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

yogi Thakkar "પલ"

Drama

4.2  

yogi Thakkar "પલ"

Drama

जिंदगी की कहानी

जिंदगी की कहानी

1 min
744


जिंदगी की कहानियाँ भी मज़ेदार हो गई है

पराए से ज़्यादा तो अपने दर्द दे गए हैं

कैसे बताऊँ सब को कि क्या दर्द मिले हैं

मेरा सब कुछ मुझसे ही ले गए हैं।


सोचा था सब ठीक हो जाएगा लेकिन

पता नहीं था उसमें भी मेरा ही नाम आएगा

सोचती हूँ क्यों हर बार मैं ही बुरी बनती हूँ ?

अब तो लगता है क्या सच में बुरी हूँ ?


नहीं सोचना अब किसी के बारे में,

बहुत हो गया सब के बारे में

जीना चाहती हूँ अब खुद के साथ

चाहे अब कोई साथ दे या ना दे..।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama