काश
काश
काश मैं जा पाती उस दुनिया में
जहाँ जाते हैं लोग मरने के बाद
काश देख पाती वो आंखों से
क्या होता आत्मा का
जिस्म छोड़ने के बाद
क्या वहां भी होती है एक दुनिया
क्या इट्ट , पत्थर से बनी होगी ?
आत्मा की निवास
कहते हैं आत्मा होता है अमर
उसे कोई मार नहीं सकता
एक शरीर से दूसरे को
जाता कैसे है वो आत्मा ?
काश में वो देख पाती
काश मैं भी जान पाती
उस दुनिया के बारे में
क्या सभी आत्मा होती हैं एक जैसी ?
या होते हैं कुछ विविधता ?
अगर होते सब एक जैसे
तब क्यों होती हैं इन इंसान में
इतनी बदलती चेहरा ?
काश मैं जान पाती उस राज को
काश जान पाती उस दुनिया को
जिसे देखने के लिए
इतनी सिद्दत से लोग करता है इंतजार
काश मेरे ये काश , काश ना रहता
और उस काश की खयाल पूरी हो जाती
काश में जान पाती।