पड़ोसी मुल्क
पड़ोसी मुल्क
बहाये पड़ोसी हमारे रक्षकों का खूनी दरिया,
जल्दी बंद करे अब झेलम, रावी, सिंधु, दरिया,
बहता पानी है ज़िन्दगी जीने का ज़रूरी ज़रिया,
ना दिखे तो बदलेगा दुश्मन मुल्क का नापाक़ नज़रिया।
पड़ोसी मुल्क अगर करेगा जंग का ऐलान,
भारतीय सेना को ज़रुरत नहीं है फरमान,
नहीं देंगे किसी को अब सब्र का इम्तिहान,
इन्तक़ाम लेंगे चाहे चली जाए कई जान।।