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MANTRI PRAGADA MARKANDEYULU

Drama

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MANTRI PRAGADA MARKANDEYULU

Drama

मानो न मानो

मानो न मानो

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सोचा था मैं हूँ क्या

मैं कहूँ क्या साब

दिन गया पुराना

ज़माना नहीं है हमारा।


वरना मानो न मानो

हम थे एक ज़माने में

दिल के राजा, बगैर पूछे

थे हम दिलदार।


कोई डर के हम से।

लोग नाराज़ हो गये उन दिनों में

क्या जानूँ हमारा रास्ता

हम गए काम से साब।


हो गई ज़िन्दगी बेकार अब

ऐसा जीवन न होना किसी का

पता किया ज़िन्दगी गुजारनी कैसे

देखो दुनिया का कमाल,

मानो लोगों को बाद में

इस दुनिया में।।


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