माँ
माँ
माँ से शुरू हुआ जीवन
धन्य भाग है, हम सबके
उस माँ ने लाखों पीङा सहकर
अपनी कोख में पाला है
इतिहास बताता है हम सबको
क्या गांधी जी बिना जननी के
राष्ट्रपिता बन पाते
जीजाबाई ने शिवाजी को
छत्रपति का ताज दिलाया
रानी लक्ष्मीबाई ने घोड़ों पर चढ़कर
गोरो को दूर भगाया
रत्नावली से लज्जित होकर
तुलसी जी भए राम भक्त
अध जननी, भारया सुता
कर देगी जीवन उद्धार।