STORYMIRROR

Akanksha Verma

Inspirational

4  

Akanksha Verma

Inspirational

दृढ़ विश्वास

दृढ़ विश्वास

1 min
293

 

कुछ भी नहीं असम्भव जग में,

सब सम्भव हो सकता है ,

कार्य हेतु यदि कमर बाँध लो,

तो सब कुछ हो सकता है ,

जीवन है नदियों की धारा ,

जब चाहे मुङ सकती है ।

नर्क लोक से स्वर्ग लोक में, 

जब चाहे मुङ सकती है ,

बन्धन बन्धन क्या करते हो ,

बन्धन तो मन के बन्धन है ,

साहस करो उठ जाओ अब,

बन्धन क्षण के बन्धन है ।

तुम्हें स्वंय ही स्वर्णिम उज्जवल ,

निज इतिहास बनाना है ।

करो सदा सत्करम विहंसते ,

कर्म योग अपनाना है,

मन के हारे हार है ,

मन के जीते जीत है ,

सावधान, मन हार न जाए ,

मन से मानव बंधा सदा ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational