दृढ़ विश्वास
दृढ़ विश्वास
कुछ भी नहीं असम्भव जग में,
सब सम्भव हो सकता है ,
कार्य हेतु यदि कमर बाँध लो,
तो सब कुछ हो सकता है ,
जीवन है नदियों की धारा ,
जब चाहे मुङ सकती है ।
नर्क लोक से स्वर्ग लोक में,
जब चाहे मुङ सकती है ,
बन्धन बन्धन क्या करते हो ,
बन्धन तो मन के बन्धन है ,
साहस करो उठ जाओ अब,
बन्धन क्षण के बन्धन है ।
तुम्हें स्वंय ही स्वर्णिम उज्जवल ,
निज इतिहास बनाना है ।
करो सदा सत्करम विहंसते ,
कर्म योग अपनाना है,
मन के हारे हार है ,
मन के जीते जीत है ,
सावधान, मन हार न जाए ,
मन से मानव बंधा सदा ।।
