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balkavi balkavi

Classics

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मधुयामिनी

मधुयामिनी

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मधुयामिनी नील-लता

हो गगनी कुसुमयुता

धवलित करि पवनपथा

कौमुदि मधु मंगला--


दिव्य शांति चंद्रकरी

आंदोलित नील सरी

गिरिगिरिवरि, तरुतरुवरि

पसरे नव भूतिला--


सुप्रसन्न, पुण्य, शांत

रामण्यकभरित धौत

या मंगल मोहनांत

विश्वगोल रंगला


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