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Prakash Chavhan

Abstract

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Prakash Chavhan

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घूम जावं जम जावं

घूम जावं जम जावं

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घूम जावं जम जावं 

अब वजाव नगारा रें 

दन ई आयो सेवाभाया रो 

ई ख़ुशी रो दिवा पेटा दो मन मं !!१!!


ध्वज फडकाताळी भायारं विश्वेम 

एक हेताळी एक कर जावा जगेनं 

हम बंजारा माणुसकीर मिसाल छा रें 

ई सेवाभाया वताळो दुनियानं असो नाम कर जावं !!२!!


घूम जावं जम जावं 

अब दन दना दो दाही दिशा 

 एकी मं जित छ रें गोर भाई ई गौर करलो 

लेताळी नाम सेवाभाया रो बढालो ताकत आपळी !!३!!


देणो घेणो ई यातेरोच व्यापार मत भुलो गोर भाई 

मोठो करो बंजारा आपळोपळों वती बढा दो जरा 

मत खिचो रें टांग हाते ती हात बढाताळी हेजावं रें मजबुत

मरताळी मरेंनी कोई लेताळी सेवा भाया रो नाम !!४!!


सेवा सत्य रो छ सेवा तीच सारी जीवे रो पालन 

लाल सेवालाल खरें ती चालो 

करणं लढगो बादशाह ती वताळो आपळी ताकत 

जनः जितगो रें भाया अब एक हेताळी करो जयजयकार !!५!!


घूम जावं जम जावं 

अब वजाव नगारा रें 

बोलो जय सेवालाल 

जय सेवालाल, जय सेवालाल!!


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