STORYMIRROR

Tarun Shukla

Romance

3  

Tarun Shukla

Romance

गुलाब की पंखुड़ी

गुलाब की पंखुड़ी

1 min
11.8K


लिख रहा हूँ उसके बारे में,

जो हर पल मुस्कान लाती है

मेरे चेहरे पर।

जो घर से दूर

मेरा घर बन जाती है

जिसके होते,

मुझे मेरे अपनों की कमी

नहीं सताती है।


लिख रहा हूँ उसके बारे में,

जिसे नींद मेरे बिना नहीं आती है,

मेरी बातों को समझती है,

हर ग़लत आदत को मुझसे दूर कर,

खुद एक अच्छी आदत बन जाती है।


लिख रहा हूँ उसके बारे में,

जो मेरे सामने अपना बचपना,

बेझिझक ज़ाहिर कर देती है।

और कहीं उदास होने लगूँ,

अपनी बातों से प्रेरित कर देती है।


लिख रहा हूँ उसके बारे में,

जो मेरे लिए दुनिया से लड़ जाती है,

गुलाब की पंखुड़ी है,

जो जीवन मेरा सुगंधित बनाती है।



Rate this content
Log in

Similar kannada poem from Romance