STORYMIRROR

Sushma Tiwari

Drama

2  

Sushma Tiwari

Drama

ये प्रेम नहीं है

ये प्रेम नहीं है

1 min
349

उदास बैठी महिमा, आंखो से अविरल आंसू बह रहे थे। माँ के आते ही छुपाने की नाकाम कोशिश की पर छिपा ना पाई। माँ ने सर सहलाते हुए कहा कि बताओगी तो मन हल्का हो जाएगा।

महिमा के आंसुओ का बाँध माँ के प्रेम के आगे टूट चुका था। माँ, एक लड़का है कॉलेज में, मुझे अच्छा लगता था, अब जाने क्या हुआ वो बात भी नहीं करता, मेरा प्रेम उसे दिखा ही नहीं।

बेटा तुम जिसे प्रेम कह रही हो वह मात्र आर्कषण कहलाता है। प्रेम तो हृदय को दुखी कर ही नहीं सकता, असीम संतुष्टि होती है..जैसे कृष्ण और मीरा ! जो दुःख पहुंचाये वो प्रेम नहीं आकर्षण है बस। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama