जो दुःख पहुंचाये वो प्रेम नहीं आकर्षण है बस। जो दुःख पहुंचाये वो प्रेम नहीं आकर्षण है बस।
यह सोचकर उसने सभी पंखों को उठाया और अपनी पूँछ के चारों ओर रखकर बाँध लिया यह सोचकर उसने सभी पंखों को उठाया और अपनी पूँछ के चारों ओर रखकर बाँध लिया
कभी-कभी मानव अनजाने में कुदरत की शक्ति पर प्रश्न उठाता है और स्वयं को ही सबसे अधिक शक्तिशाली मानता ह... कभी-कभी मानव अनजाने में कुदरत की शक्ति पर प्रश्न उठाता है और स्वयं को ही सबसे अध...