Namita Sharma
Abstract
जब हुए आशना
वो भी इक समा था
फ़िर नज़रें फ़ेरी यूँ
पहचान भी न रही
मगरूर हमेशा थे
उलझन-ए-जज़बात पलशुदा
परत जब हटी तो
पहचान आ गई!
विदित अजनबी
संध्या थी, सूरज था, होठों से कपोलों तक उठने वाली लाली थी। संध्या थी, सूरज था, होठों से कपोलों तक उठने वाली लाली थी।
घर वालों के मना करने के बावजूद ऑन्टी से मिलने उनके घर चला गया। घर वालों के मना करने के बावजूद ऑन्टी से मिलने उनके घर चला गया।
इतना कहकर सुजीत अपने घर चला गया और मैं अपने कमरे की और बढ़ने लगा। इतना कहकर सुजीत अपने घर चला गया और मैं अपने कमरे की और बढ़ने लगा।
चांदी बहुमूल्य पत्थर बिखेरे जाएं' और मेरी तीसरी और आखिरी इच्छा है कि 'मेरे दोनों हाथ ता चांदी बहुमूल्य पत्थर बिखेरे जाएं' और मेरी तीसरी और आखिरी इच्छा है कि 'मेरे दोनों...
उस शख़्स ने अपने पोते के जूते की चमक को और चमकाने के लिए अपनी चप्पल में जो टांका लगवाया है वो मुझे दि... उस शख़्स ने अपने पोते के जूते की चमक को और चमकाने के लिए अपनी चप्पल में जो टांका ...
किन्तु 4 मंजिल की दूरी तय कर सके ऐसी सीढ़ी न बना सके। किन्तु 4 मंजिल की दूरी तय कर सके ऐसी सीढ़ी न बना सके।
तेरी आगे की पढाई अब पत्राचार से ही होगी तेरी आगे की पढाई अब पत्राचार से ही होगी
कुछ फिर दरका, कुछ टूटा और फिर टीस वही पुरानी। कुछ फिर दरका, कुछ टूटा और फिर टीस वही पुरानी।
आज जब उसे मेरी जरूरत है, मुझे भी तो उसकी जरूरत है ! भला कब तक मैं यहां पर अकेला पड़ा रहूंगा ? आज जब उसे मेरी जरूरत है, मुझे भी तो उसकी जरूरत है ! भला कब तक मैं यहां पर अकेला ...
" दिवाली पर अखिलेश (अम्मा का लड़का ) ने इस लड़के से उधार पर पंद्रह हजार की रकम ली थी ,अब यह लड़का गज... " दिवाली पर अखिलेश (अम्मा का लड़का ) ने इस लड़के से उधार पर पंद्रह हजार की रकम ल...
प्रेम सिर्फ़ दो ज़िस्म नहीं,दो रूह का मिलन है। ...जिसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है। .... प्रेम सिर्फ़ दो ज़िस्म नहीं,दो रूह का मिलन है। ...जिसे सिर्फ़ महसूस किया जा सकता ह...
वक्त के साथ जाने कब पति पत्नी एक दूजे की तरह सोचने लगते और इस बदलाव को कभी सहज हो कभी अस्चर्य से अपन... वक्त के साथ जाने कब पति पत्नी एक दूजे की तरह सोचने लगते और इस बदलाव को कभी सहज ह...
आज पलकों की जिद भी अजीब थी ,आंशुओं को रास्ता देने से मना कर दिया फिर से ,उनको को रास्ता ही नहीं मिल... आज पलकों की जिद भी अजीब थी ,आंशुओं को रास्ता देने से मना कर दिया फिर से ,उनको क...
आज तो मेरे साथ मेरी कलम भी असमन्जस है. आज तो मेरे साथ मेरी कलम भी असमन्जस है.
बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाकर, इंकलाब लाना ही हो... बरगद छाँव ढूँढ रहा किसने क्या प्रयास किया, पूछना खुदसे सवाल है सोई चेतना को जगाक...
तुमको नहीं लगता आज सर्दी बहुत ज्यादा है , ऐसा लग रहा मानो गरम हवाएं उदास सी हो गयी , चलो न एक एक चोक... तुमको नहीं लगता आज सर्दी बहुत ज्यादा है , ऐसा लग रहा मानो गरम हवाएं उदास सी हो ग...
मिट्टी के है हम और तुम, एक रोज़ मिट्टी में ही मिल जायेंगे। मिट्टी के है हम और तुम, एक रोज़ मिट्टी में ही मिल जायेंगे।
मैं अपने पेंटिंग और लिखने के शौक़ को फिर से ज़िन्दा करूँगी , जो जीवन की आपाधापी में कहीं बहुत पीछे छ... मैं अपने पेंटिंग और लिखने के शौक़ को फिर से ज़िन्दा करूँगी , जो जीवन की आपाधापी ...
इसी बीच रजनी के गले से फिर तेज चीख निकली। नर्स औऱ डॉक्टर रजनी की और दौड़े। रजनी को जोर से एक हिचकी आ... इसी बीच रजनी के गले से फिर तेज चीख निकली। नर्स औऱ डॉक्टर रजनी की और दौड़े। रजनी ...
ये है भग्गू का डीलक्स रूम। सीढ़ी के नीचे बरसाती डाल कर बनाए गए इस मेक-शिफ्ट रूम को इस घर के बड़े भाई स... ये है भग्गू का डीलक्स रूम। सीढ़ी के नीचे बरसाती डाल कर बनाए गए इस मेक-शिफ्ट रूम क...